बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन
अध्याय - 4
प्रोटीन
(Proteins)
प्रश्न- प्रोटीन से क्या तात्पर्य है? मानव शरीर में प्रोटीन की उपयोगिता बताइए।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. प्रोटीन के स्रोत। 2. प्रोटीन की उपयोगिता।
उत्तर -
प्रोटीन हमारे आहार का एक प्रमुख पोषक तत्व है। प्रोटीन शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के एक शब्द प्रोटिआस से हुई है। ग्रीक भाषा में इस शब्द का अर्थ है- सर्वोत्तम खाद्य-पदार्थ। वास्तव में शरीर के निर्माण एवं स्वास्थ्य में सर्वाधिक योगदान प्रोटीन का ही है। प्रोटीन अपने आप में एक कार्बनिक यौगिक है। प्रोटीन में मुख्य रूप से कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन विद्यमान होते हैं। इनके अतिरिक्त प्रोटीन में सल्फर तथा फॉस्फोरस की भी अल्प मात्रा पायी जाती है। प्रोटीन में इन अवयवों का प्रतिशत इस प्रकार होता है - कार्बन 50%, हाइड्रोजन 7%, ऑक्सीजन 23%, नाइट्रोजन 16%, सल्फर 0.3% तथा फॉस्फोरस 0.3%। प्रोटीन की सरलतम इकाई ऐमीनों अम्ल है। भोजन में प्रोटीन ग्रहण करने के उपरान्त पाचन-क्रिया के परिणामस्वरूप ऐमीनो अम्ल में परिवर्तित हो जाती है। ऐमीनो अम्ल को ही प्रोटीन की सरलतम इकाई माना जाता है। प्रोटीन को नाइट्रोजनी (Nitrogenous) भोज्य पदार्थ भी कहा जाता है।
प्रोटीन के स्रोत
प्रकृति में प्रोटीन के दो प्रकार के स्रोत पाए जाते हैं-
1. जन्तु प्रोटीन - जन्तुओं से प्राप्त होने वाले प्रोटीन, पादप प्रोटीन की तुलना में उत्तम होते हैं। पादप प्रोटीन, जन्तु प्रोटीन की अपेक्षा देर से पचते हैं। दूध, अण्डा, पनीर, मांस, मछली आदि जन्तु प्रोटीन के मुख्य स्रोत हैं। जन्तुओं के मांस में मायोसीन, अण्डे में एल्बूमिन, दूध में केसीन प्रोटीन, न्यूक्लियोप्रोटीन्स एवं पोषक प्रोटीन के रूप में सहायक होते हैं।
2. पादप प्रोटीन - ये पौधों से प्राप्त भोज्य पदार्थों में पाए जाते हैं। दलहन फसलें (दालें, चना, सोयाबीन, मटर) प्रोटीन के महत्वपूर्ण स्रोत हैं। इसके अतिरिक्त सेम, बादाम, मूँगफली, पिस्ता, काजू, गेहूँ आदि से भी प्रोटीन की प्राप्ति होती है। उल्लेखनीय है कि सोयाबीन में लगभग 34% और मूँगफली में लगभग 26% प्रोटीन पाया जाता है।
शरीर एवं स्वास्थ्य के लिए प्रोटीन का अत्यधिक महत्व है। प्राणिजन्य प्रोटीन सर्वोत्तम मानी जाती है। दालों एक फलियों से प्राप्त प्रोटीन मध्यम श्रेणी की होती है तथा खद्यान्नों प्रोटीन से प्राप्त प्रोटीन निम्न श्रेणी की मानी जाती है। भारत जैसे विकासशील देशों में लोगों के आहार में 'प्रोटीन का आवश्यकता से कम समावेश होता है। एक वयस्क प्रौढ़ की 1 ग्राम प्रति किग्रा शरीर के वजन के अनुसार प्रोटीन की आवश्यकता होती है इसके मुख्य कारण हैं-निर्धनता, अज्ञानता तथा शाकाहारी प्रवृत्ति। प्रोटीन की कमी के कारण बच्चों में क्वाशियकोर तथा मेरेस्मस नामक रोग हो जाते हैं। प्रौढावस्था में प्रोटीन की कमी के कारण क्षुधा ईडीमा, पेलेग्रा तथा यकृत के पोषण सम्बन्धी रोग हो जाते हैं। प्रोटीन का पाचन आमाश्य में प्रारम्भ होता है तथा छोटी आँत में सम्पन्न होता है।
शरीर एवं स्वास्थ्य के लिए प्रोटीन की उपयोगिता
प्रोटीन हमारे आहार का एक आवश्यक एवं उपयोगी पोषक तत्त्व है। शरीर एवं स्वास्थ्य के लिए प्रोटीन की उपयोगिता का विवरण निम्नलिखित है-
1. शरीर के निर्माण, वृद्धि तथा विकास के लिए - शरीर के लिए प्रोटीन को सर्वप्रथम उपयोगिता शरीर के तन्तुओं के निर्माण की दृष्टि से है। शरीर की वृद्धि तथा विकास के लिए प्रोटीन ही उपयोग में आता है।
2. शरीर के रख-रखाव के लिए - जीवित शरीर को निरन्तर रख-रखाव की आवश्यकता होती है। वास्तव में, शरीर की सक्रियता के कारण शरीर की असंख्य कोशिकाएँ, निरन्तर टूटती अथवा घिसती रहती हैं। शरीर की इन कोशिकाओं की मरम्मत तथा टूटने वाली कोशिकाओं की क्षति पूर्ति की आवश्यकता होती है। इस आवश्यकता की पूर्ति प्रोटीन द्वारा ही होती है। इसी प्रकार, शरीर के किसी अंग में चोट लग जाने, कट जाने या जल जाने की स्थिति में भी शरीर की असंख्य कोशिकाओं की क्षति हो जाती है। इस प्रकार से हुई शरीर की क्षति की पूर्ति के लिए अर्थात् शरीर के पुनः स्वस्थ होने के लिए भी प्रोटीन की अतिरिक्त मात्रा की आवश्यकता होती है।
3. शरीर में रोग निरोधक क्षमता उत्पन्न करना - प्रोटीन शरीर की रोग-निरोधक क्षमता के विकास में भी अपना योगदान देता है। समुचित रोग निरोधक क्षमता होने की स्थिति में व्यक्ति विभिन्न रोगों का शिकार नहीं बनता।
4. शरीर को ऊर्जा प्रदान करना - शरीर के लिए प्रोटीन की उपयोगिता ऊर्जा उत्पादक तत्व के रूप में भी है। शरीर को ऊर्जा की निरन्तर आवश्यकता होती है। प्रोटीन ऊर्जा उत्पादक तत्व है। आवश्यकता पड़ने पर हमारा शरीर एक ग्राम प्रोटीन से चार कैलोरी तक ऊर्जा प्राप्त कर सकता है।
5. एन्जाइम्स तथा हॉर्मोन्स का निर्माण- शरीर के परिचालन तथा नियमन के लिए विभिन्न एन्जाइम्स तथा हॉर्मोन्स की आवश्यकता होती है। प्रोटीन ही आहार का एक ऐसा पोषक तत्व है जो शरीर के लिए आवश्यक विभिन्न हॉर्मोन्स तथा एन्जाइम्स के निर्माण में योगदान देता है।
6. विभिन्न क्रियाओं में सहायक प्रोटीन -प्रोटीन शरीर की विभिन्न महत्वपूर्ण क्रियाओं में भी सहायक होते हैं। उदाहरणतः-
(i) एक्टिन एवं मायोसिन गति व चलन के लिए मांसपेशियों के संकुचन को सम्भव बनाते हैं। (ii) प्रतिजैविक (Antibodies) प्रोटीन रोगाणुओं तथा हानिकारक पदार्थों के संक्रमण से लड़ने में सहायता करते हैं। (iii) न्यूक्लियोप्रोटीन्स गुणसूत्रों का निर्माण करता है। गुणसूत्र आनुवंशिक लक्षणों की वंशागति का कार्य करते हैं। (iv) फाइब्रिनोजन तथा थ्रॉम्बिन प्रोटीन्स रक्त का थक्का बनाकर रक्त को बहने से रोकते हैं।
प्रोटीन की कमी के लक्षण
प्रोटीन की निरन्तर कमी रहने की स्थिति में बच्चों की वृद्धि रुक जाती है तथा मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वयस्क व्यक्तियों में प्रोटीन की कमी से रुधिर की कमी हो जाती है तथा शरीर का वजन घटने लगता है। रोग-प्रतिरोधक क्षमता में भी कमी आ जाती है।
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- प्रश्न- दैनिक आहारीय मात्राओं से आप क्या समझते हैं? आर.डी.ए. का महत्व एवं कार्य बताइए।
- प्रश्न- आहार मात्राएँ क्या हैं? विभिन्न आयु वर्ग के लिये प्रस्तावित आहार मात्राओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संदर्भित महिला व पुरुष को परिभाषित कीजिए एवं पोषण सम्बन्धी दैनिक आवश्यकताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं से आप क्या समझते हैं? दैनिक प्रस्तावित मात्राओं को बनाते समय ध्यान रखने योग्य आहारीय निर्देशों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गर्भावस्था में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व आवश्यक होते हैं? समझाइए।
- प्रश्न- स्तनपान कराने वाली महिला के आहार में कौन से पौष्टिक तत्वों को विशेष रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
- प्रश्न- एक गर्भवती स्त्री के लिये एक दिन का आहार आयोजन करते समय आप किन-किन बातों का ध्यान रखेंगी?
- प्रश्न- एक धात्री स्त्री का आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित आवश्यकता की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- प्रस्तावित दैनिक आवश्यकता के निर्धारण का आधार क्या है?
- प्रश्न- शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व कौन-कौन से हैं? इन तत्वों को स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में वर्गीकृत कीजिए।
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- प्रश्न- उत्तम पोषण एवं कुपोषण के लक्षणों में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- हमारे लिए भोजन क्यों आवश्यक है?
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- प्रश्न- क्या जल एक स्थूल पोषक तत्व है?
- प्रश्न- स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में अंतर बताइये।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट किसे कहते हैं? इसकी प्राप्ति के स्रोत तथा उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- मानव शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी व अधिकता से क्या हानियाँ होती हैं?
- प्रश्न- आण्विक संरचना के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण किस प्रकार किया जा सकता है? विस्तारपूर्वक लिखिए।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट का मानव शरीर में किस प्रकार पाचन व अवशोषण होता है?
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट क्या है? इसके प्राप्ति के स्रोत बताओ।
- प्रश्न- प्रोटीन से क्या तात्पर्य है? मानव शरीर में प्रोटीन की उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- प्रोटीन को वर्गीकृत कीजिए तथा प्रोटीन के स्रोत तथा कार्य बताइए। प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों के बारे में भी बताइए।
- प्रश्न- प्रोटीन के पाचन, अवशोषण व चयापचय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रोटीन का जैविक मूल्य क्या है? प्रोटीन का जैविक मूल्य ज्ञात करने की विधियाँ बताइये।
- प्रश्न- प्रोटीन की दैनिक जीवन में कितनी मात्रा की आवश्यकता होती है?
- प्रश्न- प्रोटीन की अधिकता से क्या हानियाँ हैं?
- प्रश्न- प्रोटीन की शरीर में क्या उपयोगिता है?
- प्रश्न- प्रोटीन की कमी से होने वाले प्रभाव लिखिए।
- प्रश्न- वसा से आप क्या समझते हैं? वसा प्राप्ति के प्रमुख स्रोत एवं उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये - वसा का पाचन एवं अवशोषण।
- प्रश्न- वसा या तेल का रासायनिक संगठन बताते हुए वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- वसा की उपयोगिता बताओ।
- प्रश्न- वसा के प्रकार एवं स्रोत बताओ।
- प्रश्न- वसा की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- पोषक तत्व की परिभाषा दीजिए। सामान्य मानव संवृद्धि में इनकी भूमिका का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- विटामिन
- प्रश्न- विटामिन 'ए' क्या है? विटामिन ए की प्राप्ति के साधन तथा आहार में इसकी कमी से होने वाले रोगों का वर्णन कीजिए।
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